बाइबिल अंकशास्त्र को समझें ।
“बाइबिल अंकशास्त्र” बाइबिल में पाए जाने वाले अंक (संख्या) जिनका परमेश्वर द्वारा किए गए कार्यों, समय, दिन, महीना, मात्रा आदि में किया गया है, मुख्य रूप से जैसे: 3, 5, 6, 7, 8, 12, 40, 153, 666 आदि अंको के विषय में अधिकांश लोगों को मालूम है, लेकिन कभी इन अंकों पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया । जबकि हर एक मसीह के लिए बाईबल का यह “अंकशास्त्र” भी एक गहन अध्ययन का विषय होना चाहिए था, लेकिन आज तक इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया है । जबकि यह बाईबल में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण विषय है ।
बाईबल अंकशास्त्र द्वारा मनुष्य परमेश्वर के गूढ़ रहस्यों को और भी अधिक समझने में सहायक हो सकता है, मैंने बाईबल अंकशास्त्र का शोध करते समय यह पाया कि आज समस्त संसार में अनेकों लोग हैं जो बाईबल अंकशास्त्र का अध्ययन व शोध कर रहे है, और परमेश्वर के भेदों को भी उजागर कर रहे हैं । क्या आप जानते हैं कि अंकशास्त्र बाईबल की एक विशेष शाखा है, जो हिब्रू बाइबिल और नये नियम से संख्यात्मक मूल्यों से संबंधित है, बाइबिल के विद्वानों और शोधकर्ताओं द्वारा इनकी व्याख्या की गई है। यह इन नंबरों के अंदर छिपे प्रतीकों और अर्थों के बारे में जानकारी प्रदान करते है। सभी संख्याएँ किसी और चीज़ के रूपक हैं, जो हमें पवित्र बाईबल के रहस्यों को प्रकट करने में मदद करती हैं या यहाँ तक कि दूसरे तरीके से अर्थ भी बताते हैं ।
धर्मशास्त्रियों द्वारा व्याख्या
इसका अध्ययन धर्मशास्त्रियों द्वारा किया जाता है, हालांकि हर कोई इस प्रथा का समर्थन नहीं करता है। अनेकों लोगों का मानना है कि पवित्र बाईबल में संख्या का केवल एक ही अर्थ है, जो वस्तुओं की मात्रा/नाप/समय/आयु को दर्शाता है। यह लेख उन लोगों की राय का प्रतिनिधित्व करता है जो मानते हैं कि संख्या केवल मात्रा/नाप/समय/आयु दिखाने से ज्यादा कुछ कहने के लिए है। बाईबल के अंकशास्त्र सिद्धांत का दावा है कि संख्याएँ अनवांछित नहीं हैं, उनके पास कुछ रचना और अतिरिक्त, रूपक और गहरे अर्थ हैं । जिसका उद्देश्य कुछ संदेश देना है। इन नंबरों को उनके विशेष स्थान पर और इतनी सटीक राशि से जानबूझकर डाला गया था। हम जानते हैं कि गिनती, न्यायियों, यहेजकेल, दानिय्येल, प्रकाशितवाक्य में संख्यात्मक मूल्यों का विशाल बहुमत पाया गया है, हालांकि यह इसी तक सीमित नहीं है, बल्कि बाईबल में अंकों का बहुत ही व्यापक रूप से प्रयोग किया गया है ।
Biblical Numerology (बाईबल अंकशास्त्र) क्या है?
यद्यपि ऐसे बहुत से धर्मशास्त्र में वर्णन हैं जिनमें ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करने वाले संख्यात्मक मूल्य हैं, हम विशेष रूप से हिब्रू बाइबिल और नये नियम पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे। ग्रीक प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण था और चर्चा के लिए कुछ संख्यात्मक मूल्य भी थे, हालांकि इसने यहूदी और ईसाई मान्यताओं को अधिक प्रभावित नहीं किया ।
आज दुनिया में बहुत सारे संसाधन हैं जो बाईबल अंकशास्त्र के विषय में रुचि रखते हैं, और हम यहां बाईबल में वर्णित अंकों की एक प्रवृत्ति का निरीक्षण कर सकते हैं, क्योंकि आज अधिक से अधिक लोग रुचि रखते हैं कि कौन से रहस्य यह संख्याएं प्रकट कर सकती हैं।
बाईबल अध्ययन में छिपी हुई किसी चीज़ की खोज का विषय नया नहीं है, और यह काफी विवादास्पद है, हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि प्रकट करने के लिए कोई भी रहस्य नहीं बचा है। बाईबल एक ऐसी पुस्तक है, जो हमें कुछ सिद्धांतों के अनुसार जीना सिखाती है, जो समृद्ध और आनन्दमय जीवन के लिए आवश्यक हैं। चूंकि इसमें संख्याएं हैं, इसलिए यह एक अन्य पहलू भी है । जिस पर शोध किया जाना चाहिए ।
बाईबल के अगले कथनों को ध्यान में रखें जो कि संख्याओं के बारे में हमारी धारणा को बदल सकते हैं ।
परमेश्वर ने एक संपूर्ण कार्यप्रणाली के रूप में सब कुछ बनाया है, परमेश्वर एक ही है, इसलिए हम यह मानते हैं कि ब्रह्मांड (यूनिवर्स) अपने कामकाज में सुसंगत है।
मनुष्य परमेश्वर की छवि (स्वरुप) के अनुसार बनाया गया है, इसलिए हम देख सकते हैं और जिस तरह से परमेश्वर सब कुछ संचालित करता है । हम भी उसका पालन कर सकते हैं और इसे अंकशास्त्र अर्थात गणितीय मूल्यों के माध्यम से व्याख्यान कर सकते हैं।
मूल पाप से कमजोर होना मनुष्य के स्वभाव में शामिल है, इसलिए विश्वास जैसी बड़ी चीज मनुष्य की समझ से परे है। क्योंकि विश्वास की परिभाषा को अपने जीवन में परिभाषित कर क्रयानवित करना पड़ता है ।
परमेश्वर ने हमें कड़ी मेहनत करने और पृथ्वी पर काम करने के लिए कहा है, परमेश्वर ने हमें उन कार्यों से निपटने या उन्हें करने के लिए एक उपयोगी उपकरण के रूप में गणित भी दिया, जो कि परमेश्वर वह हमें प्रदान करता है।
कुछ और अधिक जटिल न बनाने के लिए ऊपर दिए गए वाक्य बहुत संक्षिप्त हैं। जिस तरह से हमें परमेश्वर व संख्यात्मक मूल्य और बाईबल में उसके प्रतिनिधित्व को समझना चाहिए, उसके लिए ये केवल कुछ सिद्धांत हैं।
यदि हम बाईबल में पाई जाने वाली संख्याओं के बारे में गणित के दृष्टिकोण से बाईबल के बारे में सोचते हैं, तो हम बहुत से नये रहस्य पा सकते हैं, जो वास्तव में हमारे जीवन के लिए उपयोगी होंगे और हमें परमेश्वर के ओर अधिक करीब लेकर जायँगे ।
रेव्ह. डॉ. बिन्नी जॉन “शास्त्री जी”
धर्मशास्त्री, अंकशास्त्री
9868632577